संदीप ने कहा कि मुश्किल के दिनों में इरफान उनके साथ खड़े थे और इसके लिए उन्हें थैंक्यू। फिल्ममेकर के मुताबिक, इरफान उस वक्त उनके साथ थे जब उन्हें तमाम लोग स्वीकार नहीं करना चाहते थे।
संदीप सिंह 'अलीगढ़', 'सरबजीत', 'भूमि' और 'पीएम नरेंद्र मोदी' जैसी फिल्मों के प्रड्यूसर रहे हैं। उन्होंने एक तस्वीर शेयर की है जिसमें लोग इरफान को कंधा देते हुए नजर आ रहे हैं। इसमें से एक खुद संदीप भी हैं।
रफ़ी साहब रहें हों या नौशाद अली साहब ,या फिर जोनीवाकर साहब और अब इरफ़ान खान साहब ये सभी लोग हमारी राष्ट्रीय धरोहर रहें हैं।अपने -अपने क्षेत्र के ये तमाम शख्सियतें जब जाते हैं तो देश की संपत्ति थोड़ी कम हो जाती है। और इरफ़ान साहब तो नीम्बू की शिकंजबी भी बनाने का बीड़ा उठा चुके थे। ठीक कहा उन्होंने वे हमारे बीच हैं भी और( कायिक रूप) नहीं भी। मुंबई बॉलीवुड और हॉलीवुड की 'आरकावीज़' में अब वे हमेशा संरक्षित रहेंगे।
ये तमाम उल्लेखित शख्स सबकी चाहत थीं। इनका यूँ लोकडाउन तोड़ के जाना बेहद मुखरित है। कोई चुपचाप यूं जाता है अपनों को छोड़ ?रो पड़े थे किरण खेर अनुपम खेर तदानुभूति हम सबको हुई। कोई रो लेता है कोई संतोष कर लेता खुद को समझा कर -जाना सभी को है केवल यहां मौत ही सुनिश्चित है हर पल का हिसाब है मौत के यहां।
"पैमाना कहे है कोई, मैखाना कहे है दुनिया तेरी आंखों को भी, क्या क्या ना कहे है "-आपने ठीक कहा था आप हमारे बीच हैं भी और .....
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